हिजाब विवाद पर छात्राओं को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा झटका

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नई दिल्ली। हिजाब विवाद खड़ा करने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने जोर का झटका दिया है। कोर्ट ने आज इस मामले की जल्द सुनवाई करने की अर्जी को खारिज कर दिया। कोर्ट में अर्जी दाखिल करने वाली छात्राओं के वकील देवदत्त कामत ने कहा था कि हाईकोर्ट के फैसले की वजह से छात्राओं को परीक्षा देने में दिक्कत आ रही है। इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि इस मामले का परीक्षा से लेना-देना नहीं है और जल्द सुनवाई नहीं की जाएगी। इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट के हिजाब मामले में छात्राओं की याचिका खारिज किए जाने के बाद मुस्लिम छात्राओं ने परीक्षा में शामिल होने से इनकार कर दिया था।कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने साफ कर दिया था कि जो छात्राएं इम्तिहान में शामिल नहीं होंगी, उनके लिए दोबारा ये आयोजित नहीं कराई जाएंगी। नागेश ने कहा था कि अदालत ने जो भी कहा है, हम उसका पालन करेंगे। परीक्षा में गैरहाजिर रहना अहम फैक्टर होगा, कारण नहीं। चाहे वो हिजाब विवाद, तबीयत खराब, उपस्थित रहने में असमर्थता हो या परीक्षा की तैयारी नहीं होने की वजह से हो। नागेश ने कहा था कि अंतिम परीक्षा में गैरहाजिर रहने पर दोबारा परीक्षा नहीं कराई जाएगी।इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि हिजाब इस्लाम का जरूरी धार्मिक हिस्सा नहीं है। कोर्ट ने इसके साथ ही क्लास में हिजाब पहनने की मंजूरी देने की मुस्लिम छात्राओं की अर्जी खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि स्कूल की यूनिफॉर्म का नियम एक तर्कसंगत पाबंदी है और संवैधानिक है। इसे चुनौती नहीं दी जा सकती।