उत्तर प्रदेश में डेंगू का कहर, कई जिले प्रभावित

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    फिरोजाबाद में डेंगू बुखार से एक सप्ताह में 21 की मौत
    वाराणसी में बढ़ती जा रही डेंगू पीड़ितों की संख्या
    सोनभद्र में बना डेंगू वार्ड, मरीजों के लिए उपलब्ध हैं दवाएं
लखनऊ। डेंगू बुखार में पूरे उत्तर प्रदेश में पांव पसार लिया है। इससे पीड़ितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले एक सप्ताह में सिर्फ फिरोजाबाद जिले में करीब 21 लोगों की डेंगू से मौत हो चुकी है। वाराणसी में भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है,यहाँ एक ही दिन में 21 डेंगू मरीज मिलर। सोनभद्र में जिला अस्पताल में डेंगू वार्ड बना दिया गया है और संभावित मरीजों के लिए दवाएं सुरक्षित कर ली गई हैं।पूरे उत्तर प्रदेश में मच्छर जनित रोग डेंगू लगातार पांव पसार रहा है। यूपी का शायद ही ऐसा कोई जिला बचा है, जहां डेंगू का असर ना हो। हर जिले में डेंगू के मरीज पाए जा रहे हैं। खासकर बड़े शहरों में स्थिति गंभीर होती जा रही है। फिरोजाबाद में डेंगू बुखार ने कई मोहल्लों में कोहराम मचा दिया है। पिछले 24 घंटे में जहां 10 नए मृतकों के नाम सामने आए हैं, तो वहीं एक सप्ताह के अंदर 21 लोगों की जान चली गयी। डेंगू बुखार के कारण फिरोजाबाद के ऐलान नगर, मुस्ताबाद, नई आबादी, जलेसर मार्ग पर दर्जन भर मोहल्लों में लोग बीमार है। इसी तरह इंद्रा नगर, रहना की पुरानी आबादी, गंगा नगर, आनन्द नगर रैपुरा रोड, हिमायूंपुर, संत नगर, मोहल्ला कोटला, हंस वाहिनी वाली गली आदि में कई बच्चों और बड़ों की मौत हो गई है। इसी तरह से वाराणसी में विभिन्न क्षेत्रों में डेंगू का फैलाव हो गया है। छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक को डेंगू बुखार ने अपनी चपेट में ले लिया है। तमाम प्राइवेट अस्पतालों में लोग पीड़ितों का उपचार करा रहे हैं। वाराणसी के सीएमओ ने लोगों से अपील किया है कि अपने घर के अंदर पानी की लगातार सफाई करें और जलजमाव ना होने दें। इधर सोनभद्र में भी डेंगू से बचाव के लिए प्रशासन ने कमर कस लिया है। जिलाधिकारी अभिषेक सिंह के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल डॉक्टर के कुमार ने जिला अस्पताल परिसर में डेंगू वार्ड अलग से बना दिया है। डॉक्टर के कुमार ने बताया कि अब तक यहां डेंगू का एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ है। फिर भी दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है। जरूरत पड़ने पर मरीजों का आसानी से उपचार हो सकेगा।
    साधारण डेंगू......
इसके मरीज का 2 से 7 दिवस तक तेज बुखार चढता है एवं इसके साथ निम्‍न में से दो या अधिक लक्षण भी साथ में होते हैं।
    ये हैं लक्षण......सिर में आगे की और तेज दर्द।
    आंखों के पीछे दर्द और आंखों के हिलने से दर्द में और तेजी।
    मांसपेशियों (बदन) व जोडों में दर्द।
    स्‍वाद का पता न चलना व भूख न लगना।
    छाती और ऊपरी अंगो पर खसरे जैसे दानें
    चक्‍कर आना।
    जी घबराना उल्‍टी आना।
    शरीर पर खून के चकते एवं खून की सफेद कोशिकाओं की कमी।
    बच्‍चों में डेंगू बुखार के लक्षण बडों की तुलना में हल्‍के होते हैं।
      रक्‍त स्‍त्राव वाला डेंगू (डेंगू हमरेजिक बुखार)
    खून बहने वाले डेंगू बुखार के लक्षण और आघात रक्‍त स्‍त्राव वाला डेंगू में पाये जाने वाले लक्षणों के अतिरिक्‍त निम्‍न लक्षण पाये जाते हैं।
    शरीर की चमडी पीली तथा ठन्‍डी पड जाना।
    नाक, मुंह और मसूडों से खून बहना।
    प्‍लेटलेट कोशिकाओं की संख्‍या 1,00,000 या इससें कम हो जाना।फेंफडों एवं पेट में पानी इकट्ठा हो जाना।
    चमडी में घाव पड जाना।बैचेनी रहना व लगातार कराहना।
    प्‍यास ज्‍यादा लगना (गला सूख जाना)।
    खून वाली या बिना खून वाली उल्‍टी आना।
    सांस लेने में तकलीफ होना।डेंगू शॉक सिन्‍ड्रोम
      ऊपर दिये गये लक्षणों के अलावा अगर मरीज में परिसंचारी खराबी के लक्षण जैसेः-

    नब्‍ज का कमजोर होना व तेजी से चलना।
    रक्‍तचाप का कम हो जाना व त्‍वचा का ठ्न्‍डा पड जाना।
    मरीज को बहुत अधिक बेचैनी महसुस करना।
    पेट में तेज व लगातार दर्द।
    ऊपर की तीन स्थितियों के अनुसार मरीज का यथोचित उपचार प्रारम्‍भ करें।
    मरीज के खून की सीरोलोजिकल एवं वायलोजिकल परीक्षण केवल रोग को सुनिश्चित करती है तथा इनका होना या ना होना मरीज के उपचार में कोई प्रभाव नहीं डालता क्‍योंकि डेंगू एक तरह का वायरल बुखार है, इसके लिये कोई खास दवा या वैक्‍सीन उपलब्‍ध नहीं है।
    उपचार
      प्रारम्भिक बुखार की स्थिति मेः-

    मरीज को आराम की सलाह दें।
    पैरासिटामोल की गोली (24 घन्‍टे में चार बार से अधिक नहीं) उम्र के अनुसार तेज बुखार होने पर देवें।
    एस्‍प्रीन और आईबुप्रोफेन नहीं दी जाएँ ।
    एन्‍टीबायटिक्‍स नहीं दी जायें क्‍योंकि वे इस बीमारी में व्‍यर्थ है।
    मरीज को ओ.आर.एस. दिया जाएँ ।
    भूख के अनुसार पर्याप्‍त मात्रा में भोजन दिया जाएँ ।