नाज़नीन अली नाज़ बनीं गुफ़्तगू की नई संरक्षक

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  • कुवैत के मस्कट बैंक में फाइनेन्स मैनेजर हैं नाज़
  • प्रयागराज। नाज़नीज अली नाज़ गुफ़्तगू की नई संरक्षक बन गई हैं। मूलत: उदयपुर, राजस्थान की रहने वाली नाज़नीज कुवैत के मस्कट बैंक में फाइनेन्स मैनेजर हैं। उन्होंने बीएन गर्ल्स कॉलेज, उदयपुर से बीबीए और पैसेफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट कॉलेज से एमबीए किया है। इसके बाद अमेरिका के इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एकाउंट से सीएमए का कोर्स किया है। शिक्षा प्राप्ति के बाद कुवैत मेें नौकरी करती हैं। उनके पति भी उन्हीं के साथ कुवैत मे हीं नौकरी करते हैं। ये हिन्दी, उर्दू और अंग्रेज़ी में कविताएं लिखती हैं। दुनियाभर में होने वाले कवि सम्मेलन और सेमिनार में भाग लेती रहती हैं। खलिश (नॉविल), नवरत्न (कविता एवं लेख संग्रह) और समकालीन हिन्दी ग़ज़ल (सह-संपादन) नाम से पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। ‘शान-ए-अदब’, ‘साहिर लुधियावनी एवार्ड’, ‘सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान’, ‘प्रवासी भारतीय साहित्य सम्मान’ और ‘दिनकर एवार्ड’ उन्हें प्राप्त हो चुके हैं।
    श्रीमती नाज़नीज के अलावा प्रभाकर द्विवेदी प्रभामाल, अमर राग, मुनेश्वर मिश्र, हसनैन मुस्तफाबादी, ज़फ़र बख़्त, डॉ. पीयूष दीक्षित, आनंद सुमन सिंह, अरुण अर्णव खरे, रामचंद्र राजा, माहेश्वर तिवारी, पंकज के. सिंह, विजय प्रताप सिंह, डॉ. राकेश तूफ़ान, शैलेंद्र कपिल, संजय सक्सेना, मासूम रज़ा राशदी, सरिता श्रीवास्तव, डॉ. मधुबाला सिन्हा, जया मोहन, देवेंद्र प्रताप वर्मा ‘विनीत’, मंजुला शरण मनु, डॉ. उपासना दीक्षित, डॉ. शबाना रफ़ीक, रामशंकर वर्मा, सिद्धार्थ पांडेय और एस. निशा सिम्मी भी ‘गुफ्तगू’ के संरक्षक हैं। ‘गुफ्तगू’ के संरक्षकों को ‘गुफ्तगू पब्लिकेशन’ की सभी पुस्तकें और गुफ्तगू पत्रिका के सभी उपलब्ध पुराने अंक दिए जाते हैं। संरक्षकों का पूरा परिचय फोटो सहित हम एक अंक में छापते हैं और सभी अंक के संपादकीय बोर्ड टीम में उनका नाम छपता है। निधन के बाद भी हम संस्थापक संरक्षक के रूप में उनका नाम प्रकाशित करते हैं।