नगर की भूमि समस्या के निस्तारण का तीन वर्ष से कर रहे प्रयास

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  • उत्तर प्रदेश कैबिनेट में पहुंच चुका है मामला
  • रेणुकूट (सोनभद्र)। पिपरी नगर पंचायत अध्यक्ष दिग्विजय प्रताप सिंह का कहना है कि नगर के भूमि समस्या के बावत वह बीते तीन वर्षों से लगातार प्रयासरत हैं और नगर की भूमि का मुद्दा उत्तर प्रदेश कैबिनेट के पास पहुंच चुका है और जल्द ही इस संबंध में अंतिम निर्णय आ सकता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष विधानसभा चुनाव के दौरान फाइल राजस्व परिषद में 8 माह तक रुकी रही जिसकी वजह से कुछ देरी हुई अन्यथा अब तक भूमि का मसला सुलझ गया होता। अध्यक्ष दिग्विजय प्रताप सिंह ने कहा कि वर्ष 2019 में उन्होंने इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर यहां की भूमि समस्या के बारे में अपनी बात रखी थी जिसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर 1 अप्रैल 2021 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 11 विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। इस बैठक के बाद मुख्य सचिव ने जनपद के तत्कालीन जिलाधिकारी से पिपरी नगर की भूमि समस्या के बाबत विस्तृत रिपोर्ट मांगी। मुख्य सचिव के निर्देश पर तत्कालीन जिलाधिकारी एस राज लिंगम ने भूमि समस्या में सम्मिलित सभी विभागों की बात सुनने के बाद अपनी जांच रिपोर्ट तैयार की और मुख्य सचिव को भेजा। इस रिपोर्ट के मिलने के बाद कई दौर की बैठकों के बाद भूमि समस्या निपटाने के लिए यह फाइल राजस्व परिषद के पास भेज दी गई और जहां काफी लंबा समय गुजरने के बाद सितंबर 2022 में यह फाइल प्रदेश की कैबिनेट मैं पहुंच गई है और इस पर अंतिम निर्णय कैबिनेट की बैठक में ही लिया जाना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में नगर पंचायत चुनाव को देखते हुए उनके राजनीतिक विरोधियों द्वारा इस तरह की साजिश रची जा रही है ताकि नगरवासियों का मन खराब हो परंतु विरोधी अपने मंसूबे में कभी सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि वे पिपरी के लोगों को भूमि का अधिकार दिलाकर रहेंगे।