पाक्सो एक्ट के चार दोषियों को पांच पांच वर्ष की कैद

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  • प्रत्येक पर 12- 12 हजार रूपये अर्थदंड ना देने पर 4- 4 माह की अतिरिक्त कैद
  • छह माह पूर्व नाबालिग लड़की के साथ छेड़खानी किए जाने व तेजाब छिड़क कर चेहरा खराब करने की धमकी का मामला
  • अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी
  • सोनभद्र। छह माह पूर्व नाबालिक लड़की के साथ छेड़छाड़ एवं तेजाब छिड़ककर चेहरा खराब करने की धमकी देने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर चारों दोषियों अजमेरुद्दीन, रुस्तम, सोहराब एवं वसीम को 5- 5 वर्ष की कैद व 12- 12 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4- 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी। जेल में वितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी।
    अभियोजन पक्ष के मुताबिक दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने 22 सितंबर 2022 को दुद्धी कोतवाली में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 21 सितंबर 2022 को दोपहर 2 बजे दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के दिघुल गांव निवासी अजीमुद्दीन, रुस्तम, सोहराब व वसीम मोटरसायकिल से उसके घर के सामने आ गए और पहले हॉर्न बजाने लगे। जब उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो उसकी नाबालिग बेटी जो कक्षा 9 की छात्रा है का नाम लेकर बुलाने लगे। जब हमलोग घर से बाहर निकले तो अनलोगों ने कहा कि आज बेटी को बाहर नहीं आने दिए, लेकिन शीघ्र ही उसकी बेटी को उठा ले जाएंगे। यह धमकी देते हुए सभी वहां से चले गए। जब बेटी से पूछा गया तो वह रोने लगी और बताई कि जब वह स्कूल जाती है तो सभी मिलकर उसे परेशान करते हैं। उसके साथ छेड़छाड़ भी करते हैं। कई बार उनके भय से स्कूल भी नहीं जा रही थी। शर्म की वजह से यह बात नहीं बता रही थी। इतना ही नहीं ये लोग यह भी धमकी दे रहे थे कि अगर किसी से बताओगी तो तेजाब छिड़क कर चेहरा खराब कर देंगे। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर चारो दोषियों अजमेरुद्दीन, रुस्तम, सोहराब व वसीम को 5- 5 वर्ष की कैद एवं 12- 12 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4- 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।