मानव तन प्राप्त होना परमात्मा का है सबसे बड़ा वरदान

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  • आध्यात्मिक जन जागरण यात्रा का बहेरा गांव में किया गया स्वागत
  • सोनभद्र। जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के मुख्यालय मथुरा से संस्था प्रमुख पंकज महाराज के सानिध्य में निकली 33 दिवसीय शाकाहार -सदाचार मद्यनिषेध आध्यात्मिक जनजागरण धर्म यात्रा के स्थानीय विकास खंड के ग्राम पंचायत बहेरा पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। जयगुरुदेव संगत विकास खण्ड के अध्यक्ष शारदा प्रसाद, जिला मंत्री बनवारी लाल, राजेश सिंह, विनोद सिंह, राम मूरत यादव, रामचन्दर यादव, मोहन यादव, धीरज सिंह प्रधान, सहयोगी संगत देवरिया के अध्यक्ष राजेश यादव, चन्द्रिका बरनवाल, बनारसी मौर्य ने पुष्पहार भेंटकर महाराज जी का स्वागत किया। पंकज जी महाराज ने अपने गुरुफ़ महाराज परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के चित्र पर नमन कर समस्त आगन्तुकों का अभिवादन किया। भव्य सत्संग सभा में प्रवचन करते हुये संस्था प्रमुख पंकज महाराज ने कहा कि ऐसे कलिकाल में हम लोगों को यह अनमोल मानव तन प्राप्त हुआ। यह परमात्मा का सबसे बड़ा बरदान है। आप को महापुरुषों की अमरवाणियाँ सुनाई जा रही हैं, यह आध्यात्मिक सत्संग है जिसे सुनकर निश्चय ही आपको मानव जीवन के उद्देश्यों के बारे में पता चलेगा। हमको मनुष्य शरीर क्तयों मिला है, क्या इसका क्या उद्देश्य है और मरने के बाद हम कहां जायेंगे? हमारे बाल-बच्चे कहां जायेंगे? कैसे हमारी जीवात्मा का कल्याण होगा ? इन सबकी जानकारी मिलेगी। महापुरुषों के सत्संग में किसी की निन्दा, आलोचना नहीं की जाती, किसी जाति-पांति की भी कोई निन्दा आलोचना नहीं की जाती। यहां तो केवल प्रभु के भजन के प्रति भाव भक्ति पैदा की जाती है। किसी को साधू नहीं बनना, घर, परिवार या बाल, बच्चे नहीं छोड़ना। आप गृहस्थी के सारे काम-काज करते हुये चौबीस घण्टे में से घण्टा दो घण्टा समय निकालकर भगवान का भजन भी कर लिया करें। मौत के बाद यही भजन, इबादत साथ जायेगा और आपको नरकों व चौरासी योनि की यातनाओं से बचायेगा। इसके लिये किसी सन्त, महात्मा, पूरे गुरु की खोज करें, उनसे साधना का रास्ता लेकर प्रभु का भजन करें। आत्मा जब भी अपने घर सतलोक को जायेगी, इसी नाम योग साधना से ही जायेगी। महाराज जी ने उपस्थित जन समूह को सुरत शब्द योग का भेद नाम-दान भी दिया और कहा कि रास्ता सच्चा है जब करेंगे तो अनुभव होगा। वर्तमान में बढ़ती हुई हिंसा व अपराध की प्रवृत्ति पर चिन्ता व्यक्त करते हुये महाराज जी ने कहा कि आज देश में इतने विद्यालय- महाविद्यालय खुले हुये हैं फिर भी देश का नवजवान दिशाहीन व संस्कारों से शून्य हो रहा। इसके पीछे अशुद्ध आहार मांसाहार व नशीले पदार्थों का सेवन प्रमुख कारण है। शाकाहार से ही सदाचार का आना संभव है, इसलिये सभी माता-पिता को चाहिये कि अपने बच्चों को भी महात्माओं के सत्संग में लेकर आया करें। इससे उन पर अच्छे संस्कार पड़ेंगे। इसीलिये मैं जिले के सभी ब्लाक में धर्म सत्संग के माध्यम से शाकहार-सदाचार मद्यनिषेध प्रभु के भजन का सन्देश लेकर निकला हूँ। सभी समाज सेवी, धार्मिक जन व खुदापरस्त लोग एक अच्छे समाज के निर्माण में अपना योगदान अवश्य दें। जिससे देश का भविष्य युवा पीढ़ी सुधर जाये और इनका भविष्य उज्जवल हो। उन्होंने आगामी 17 से 21 मई तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में होने वाले अपने गुरु महाराज परम संत बाबा जयगुरुदेव जी के ग्यारहवें पावन भण्डारा पर्व पर पधारने का निमन्त्रण दियाऔर बताया कि मथुरा में वरदानी जयगुरुदेव मन्दिर बना है ,जहां बुराईयां चढ़ाने पर मनोकामना की पूर्ति होती है। जिला-इटावा में तहसील भरथना के गांव खितौरा धाम में बाबा जी की पावन जन्मभूमि है, यहां पर भी भव्य वरदानी मन्दिर बना है। यहां सभी सम्प्रदायों के लोग आते हैं।
    इस अवसर पर ब्लॉक प्रभारी सिद्धनाथ यादव, कल्लू यादव, राजेन्द्र यादव, अंजनी सिंह, राम औतार प्रधान, झल्लर यादव, दयाराम मास्टर, लक्ष्मन मौर्य, करुणापति व्यास, हरि श्याम यादव बी.डी.सी, प्रभु नारायण मौर्य, सहयोगी संगत देवरिया के अनुरुद्ध यादव के साथ संस्था के महामन्त्री बाबूराम यादव, आश्रम मथुरा के प्रबन्धक व उत्तर प्रदेश संगत के अध्यक्ष सन्तराम चौधरी, बिहार प्रान्त के अध्यक्ष मृत्युन्जय झा, उपदेशक डा. कुंवर बृजेश सिंह, म.प्र. के प्रान्तीय अध्यक्ष नारेन्द्र सिंह बघेल, शिवराज सिंह सहित हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे। शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस बल मौजूद रहा।