दहेज हत्या के दोषी पति को 10 वर्ष की कैद

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  • 15 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
  • दोषी सास को तीन वर्ष की कैद व 5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा

  • आरोपी ससुर दोषमुक्त, चंदा हत्याकांड का मामला
  • सोनभद्र। साढ़े दस वर्ष पूर्व हुई चंदा हत्याकांड के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी पति को 10 वर्ष की कैद व 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जबकि दहेज प्रताड़ना की दोषी सास को तीन साल की कैद एवं 5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं आरोपी ससुर को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष के मुताबिक दुद्धी कोतवाली में 19 मई 2012 को दी तहरीर में झारखंड प्रांत के गढ़वा जिला अंतर्गत रमुना थानांतर्गत परसवान गांव निवासी राजकुमार महतो पुत्र स्वर्गीय मुंद्रिका महतो ने अवगत कराया था कि उसकी बेटी चंदा की शादी वर्ष 2009 में दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के कटौधी गांव निवासी दिनेश महतो पुत्र कुबेर महतो के साथ हुआ था। जब बेटी अपनी ससुराल गई तो बेटी चंदा व दामाद दिनेश के संसर्ग से उसको लड़का पैदा हुआ जो करीब 7 माह का है। बेटी चंदा व दामाद दिनेश से किसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी जिसके चलते बेटी नाराज थी। उधर दिनेश की मां सुनैना व पिता कुबेर द्वारा कम दहेज लाने को लेकर ताना मारा जाने लगा। करीब एक सप्ताह पूर्व चंदा व दिनेश अपने बेटे को लेकर दवा कराने के लिए गढ़वा आया था। वापस जाते समय दिनेश अपने बेटे को लेकर चला गया तथा बेटी चंदा को मायके जाने को कह दिया। 16 मई 2012 को बेटी चंदा को लेकर उसकी ससुराल गया तो सास सुनैना ने कहा कि यहां पर नहीं रहेगी। इसकी पंचायत हुई तो सुलह हो गई। तब बेटी चंदा को उसके ससुराल छोड़कर चला आया। 19 मई 2012 को दामाद ने फोन से सूचना दिया कि बेटी चंदा की तवियत खराब है। जब वहां पर गया तो देखा कि बेटी चंदा की मौत हो गई है। दहेज की मांग को लेकर पति दिनेश महतो , ससुर कुबेर महतो व सास सुनैना द्वारा बेटी चंदा को प्रताड़ित किया जाने लगा जिससे तंग आकर बेटी ने जहर खा लिया और उसकी मौत हो गई। इस तहरीर पर दुद्धी कोतवाली पुलिस ने दहेज हत्या में एफआईआर दर्ज कर लिया और पुलिस विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत पाए जाने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पति दिनेश महतो को 10 वर्ष की कैद व 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जबकि दहेज प्रताड़ना में दोषी सास सुनैना को 3 वर्ष की कैद व 5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं आरोपी ससुर कुबेर को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी विजय प्रकाश यादव ने बहस की।