राजस्व बकायेदार के मौत की जांच शुरू

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  • मंडलायुक्त के अगुआई वाली टीम ने बंदी गृह का किया निरीक्षण
  • सोनभद्र। सुधाकर दुबे के मौत मामले में शासन के आदेश पर जांच शुरू हो गई है। सोमवार को मंडलायुक्त, डीएम मिर्जापुर, एसपी व एडीएम नमामि गंगे सोनभद्र ने मामले की जांच की। अफसरों की टीम ने राजस्व बंदी गृह देखा। पीड़ित पक्ष से बात की और तहसीलदार कक्ष का निरीक्षण किया। उधर पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता विकाश शाक्य ने कहा कि जिला प्रशासन का रवैया पक्षपातपूर्ण है। दोषियों को बचाने की साजिश रची जा रही है। शाक्य ने कहा कि राजस्व लॉकअप में सुधाकर दुबे की हुई मौत मामले में उच्च न्यायालय इलाहाबाद के खंड पीठ द्वारा सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से जिलाअधिकारी सोनभद्र के पूर्ववर्ती जांच रिपोर्ट पर नाराजगी जाहिर करते हुए कई दिशा निर्देश दिए थे।
    जिसके क्रम में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा मंडलाआयुक्त डॉ मुथुकुमार स्वामी की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई गई, जिसके नामित सदस्य जिलाधिकारी मिर्जापुर दिव्या मित्तल को भी बनाया गया। सदस्य टीम में सोनभद्र के अपर जिलाधिकारी आशुतोष दुबे और पुलिस अधीक्षक डॉक्टर यशवीर सिंह को शामिल किया गया। जांच के क्रम में जिला मुख्यालय लोढ़ी कलेक्ट्रट मे पीड़ित परिवार और अधिवक्ता विकास ने अपना बयान दर्ज कराते हुए बताया कि 9 मई को ही जिलाधिकारी सोनभद्र के समक्ष घटनास्थल के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को साक्ष्य के लिए सुरक्षित करने का पत्र दिया गया था परंतु आज तक नहीं लिया गया। पूर्व के मजिस्ट्रेटिव जांच के आधार पर एसडीएम और तहसीलदार पर एफ आई आर दर्ज कराया गया जबकि इसी जांच में पाए गए अन्य दोषियों को अभियुक्त नहीं बनाया गया ।दर्ज मुकदमे की विवेचना सब इंस्पेक्टर कर रहे हैं जो तहसीलदार के नीचे रैंक के हैं इससे स्पष्ट है कि निष्पक्ष विवेचना नहीं हो सकता इस प्रकार जिला प्रशासन के कृत्य पक्षपात पूर्ण होने के संबंध में जांच कमेटी को अवगत कराया गया ।जांच कमेटी पीड़ित परिवार के घर भी गयी वहां अगल-बगल के लोगो से पूछताछ की तथा घटनास्थल राजस्व लाकप और तहसीलदार कक्ष का भी अवलोकन किया ।मीडिया से बातचीत करते हुए जांच कमेटी के अध्यक्ष आयुक्त विंध्याचल मंडल द्वारा बताया गया कि प्रथम दृष्टया मामला पाते हुए अभियोग पंजीकृत कराया गया है मामला न्यायालय में लंबित है अग्रिम कार्यवाही विवेचना उपरांत और न्यायालय के निर्णय के अनुपालन में की जाएगी। जांच कमेटी ने यह भी बताया कि रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी। शाक्य ने बताया कि मामले की अगली सुनवाई माननीय उच्च न्यायालय में 3 फरवरी को होनी है जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़ित परिवार को क्षतिपूर्ति का भी आकलन कर बताना होगा।