सोनभद्र के सभी ब्लाकों में स्थापित होगा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन यूनिट

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सोनभद्र। प्लास्टिक मुक्त होने की दिशा में सोनभद्र एक कदम और आगे बढ़ रहा है। अब जिले के सभी ब्लाकों में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन यूनिट की स्थापना की जाएगी।
जिला पंचायत राज अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि जिले में सिंगल यूज प्लास्टिक के निस्तारण के लिए चल रहे अनूठे अभियान के तहत ग्राम पंचायतों के सभी घरों पर बोरी टांग कर प्रयोग के बाद प्लास्टिक का एकत्रीकरण किया जा रहा है। एकत्रित किए गए प्लास्टिक के निस्तारण के लिए सभी 10 विकास खंडों में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट की स्थापना की जाएगी। प्लास्टिक अपशिष्ट के उचित प्रबंधन के लिए यह व्यवस्था स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के द्वितीय चरण के अंतर्गत किया जाएगा। जनपद के सभी 10 विकास खंड का चयन शासन द्वारा किया गया है।
डीपीआरओ ग्राम पंचायतों में फैल रहे प्लास्टिक के निस्तारण के लिए जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह के द्वारा एक अनूठा अभियान चलाया जिससे हर घर पर बोरिया टांग कर प्लास्टिक इकट्ठा किया जाने लगा, जिससे वातावरण में प्लास्टिक ना फैले ग्राम पंचायत के घरों पर संकलित प्लास्टिक को अस्थाई तौर पर डाला सीमेंट फैक्ट्री निस्तारण के लिए भेजा जाता रहा। शासन द्वारा अब सभी विकास खंडों में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट स्थापित करने का निर्देश दिया है। प्रति यूनिट 16 लाख से लगने वाले प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट का प्रस्ताव शासन ने मांगा है। मिशन निदेशक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण ने प्लास्टिक मैनेजमेंट यूनिट लगाए जाने के लिए सर्वप्रथम प्राथमिकता के उन ग्राम पंचायतों में जहां पर रिसोर्स रिकवरी सेंटर स्थापित हो रहे है या ऐसी ग्राम पंचायत जो बाजार वाली ग्राम पंचायत एवं बड़ी ग्राम पंचायत हो वहां पर इकाई स्थापित करने का निर्देश दिया है। प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट में कई तरह की मशीन लगाई जाएंगी जिससे प्लास्टिक को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाएगा। उसका उपयोग सड़क बनाने में अथवा प्लास्टिक ब्रिक बनाने में एवं अन्य तरीके से रि साइकिल कर अन्य कार्य में लिया जाएगा जिससे कि प्लास्टिक का सही प्रबंधन हो सके। डीपीआरओ विशाल सिंह ने बताया कि विकास खण्ड से प्रस्ताव मांगा गया है। यूनिट की स्थापना से जनपद में चल रहे मेरा प्लास्टिक मेरी जिम्मेदारी अभियान को और गति मिलेगी।