दुष्कर्म के दोषी संतोष बैगा को 20 वर्ष की कैद

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  • 50 हजार रूपये अर्थदंड ना देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद
  • 11 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म का मामला
  • अर्थदंड की समूची धनराशि 50 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी
  • सोनभद्र। साढ़े चार वर्ष पूर्व 11वर्षीय नाबालिक लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत मंगलवार को सुनवाई करते हुए दोष सिद्ध पाकर दोषी संतोष बैगा को 20 वर्ष की कैद एवं 50 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की समूची धनराशि 50 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक बीजापुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने 12 अगस्त 2018 को बीजपुर थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी 11 वर्षीय नाबालिग बेटी जो कक्षा 5 की छात्रा है को गाना सुनाने के बहाने दोपहर दो बजे बीजपुर थाना क्षेत्र के बेलहवा टोला डोड़हर निवासी संतोष बैगा पुत्र बिहारी बैगा ने बेटी को अपने घर ले जाकर घर के कमरे का दरवाजा बंद करके उसकी बेटी के साथ जबरन दुष्कर्म किया। दर्द से चिल्लाने पर उसके मुंह को गमछा से बांध दिया। यह बात बेटी ने अपनी मां से बताई। जब शोरगुल सुनकर वह गया तो पत्नी ने सारी बात बताई। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी संतोष बैगा को 20 वर्ष की कैद एवं 50 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि 50 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।