करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाला 10 हज़ार का इनामिया गिरफ्तार, होगी गैंगेस्टर की कार्रवाई

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वाराणसी। अपराधियों पर प्रभावी कार्रवाई कर रही वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के कैंट थाने की टीम ने कम समय में पैसा दोगुना करने का झांसा देकर वाराणसी सहित पूर्वांचल के कई अन्य ज़िलों में करोड़ों की ठगी के आरोपी राजकुमार वर्मा जिसपर 10 हज़ार रुपये का इनाम भी है,को गुजरात से गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है,  कैंट थाने की पुलिस धोखाधड़ी के 3 मुकदमों में अपराधी की तलाश 6 महीने से कर रही थी,उसको आज अदालत में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा दिया गया। डीसीपी वरुणा जोन आदित्य लांग्हे ने इस गिरफ्तारी के सम्बन्ध में बताया कि ठगी करने वाले इस गिरोह के सभी सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीम गठित की गई है। DCP वरुणा ने बताया कि इनके ऊपर 2020 में गैंगेस्टर का मुकदमा पंजीकृत किया गया था और 8 करोड़ की संपत्ति कुर्क भी की गयी है। इस अपराध में शामिल अन्य अपराधियों के ऊपर भी हम गैंगेस्टर की कार्रवाई करने जा रहे हैं।डीसीपी वरुणा जोन आदित्य लांग्हे ने बताया कि लोहता के भिटारी गांव का निवासी राजकुमार वर्मा पिछले कई दिनों से गुजरात के बलसाड़ जिले के पाड़ी थाना के शुभम ग्रीन सिटी बगवाड़ा में रह रहा था। कैंट थाने में दर्ज धोखाधड़ी के तीन मुकदमों में पुलिस को उसकी छ: महीनों से तलाश थी। पूछताछ में राजकुमार ने बताया कि उसने सिगरा थानाक्षेत्र के छित्तूपुर में ऑसम इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के नाम से एक फर्म खोल रखी थी। इस फर्म का सीएमडी राजकुमार का बड़ा भाई कृष्ण कुमार वर्मा था, राजकुमार और उसका एक अन्य भाई राजेश कुमार वर्मा और उसके पिता शिवलाल प्रजापति इस फर्म के कर्ताधर्ता थे।पुलिस की पूछताछ में राजकुमार ने बताया कि वह, उसके पिता और भाई के साथ ही एजेंट्स पैसे वाले लोगों को कम समय मे दोगुना पैसा करने व सस्ते में फ्लैट देने का झांसा देकर अपनी फार्म में निवेश कराते थे। आरोपी राजकुमार कोदरोगा सुरेंद्र यादव और कांस्टेबल मनीष बघेल की टीम ने गिरफ्तार किया है। धोखाधड़ी में शामिल अन्य आरोपी भी जल्द ही गिरफ्तार किए जाएंगे।