भारी विस्फोट से तबाह हो रहे हैं अजगर और रसल वाइपर के ठिकाने

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  • एनजीटी ने पांच खदानों की जांच के लिए गठित की टीम मांगी रिपोर्ट
  • अधिवक्ता विकाश शाक्य बोले, एनजीटी के आदेश पर नापी जाएगी खदानों की गहराई

  • सोनभद्र। बिल्ली मारकुण्डी की पत्थर खादानों में भारी विस्फोट से अजगर और रसल वाइपर के ठिकाने तबाह हो रहे है। पाँच पत्थर खादानों पर एनजीटी ने कमेटी गठित की है, अब नपेगी खादानों की गहराई। उक्त बातें प्रेस से साझा करते हुये याचिका कर्ता तिलका माझी फाउण्डेशन के ऋतिशा और अधिवक्ता विकाश शाक्य ने कही है।
    एनजीटी के प्रिंसिपल बेंच नई दिल्ली में याचिका प्रस्तुत करने वाली ऋतिशा ने बताया की बिल्ली मारकुण्डी में जिन पहाड़ो पर पत्थर का खनन किया जा रहा है वह अजगर और रसलवाईपर का ठिकाना है वहाँ पर खनन कर्ता भारी मात्रा में बारूदो का प्रयोग करके विष्फोट किया जा रहा है, जिससे उन के ठिकाने तबाह हो रहे है। वन विभाग सुरक्षित वन और राज्य सरकार की जमीनों में जो सीमा निर्धारण किया है वह दोहरी लूट की छुट खनन कर्ताओं को दे रही है जिससे पर्यावरण को भारी क्षति पहुँचायी जा रही है। जिसके सम्बन्ध में याचिका अपने अधिवक्ता अभिषेक चौबे के माध्यम से प्रस्तुत किया है।
    याचिका कर्ता के अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने बताया कि अरूण सिंह यादव का श्री महादेव इण्टर प्राइजेज, सचिन अग्रवाल का ओमेक्स इण्टर प्राइजेज लि संजीव कुमार शर्मा का में बाबा खाटू इण्डस्ट्रीज मनिष खुशलानी का मे० केडी रिर्सोसेज प्रा० लि०, सुरेश चन्द्र गिरी, साकिब खान का बाला जी स्टोन वर्क्स के विरूद्ध अवैध खनन करके पर्यावरण की क्षति पहुँचाने अजगर और रसलवाइपर के रहवास को भारी विष्फोटकों से तबाह करने के सम्बन्ध में याचिका प्रस्तुत की गयी थी जिस पर एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच ने खान सुरक्षा निर्देशालय वाराणसी, केन्द्रिय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के सदस्य सचिव, सदस्य सचिव पर्यावरण, बन और जलवायु परिवर्तन मन्त्रालय भारत सरकार, डीएफओ सोनभद्र तथा जिलाधिकारी सोनभद्र की संयुक्त कमेटी गठित की है। सोनभद्र जिलाधिकारी को समन्वय के रूप में कार्य करने का निर्देश दी है संयुक्त समीति अवैध खनन की सीमा वन क्षेत्र में खनन तथा पर्यावरण शर्तों के उल्लघंन की जाँच करते हुए पर्यावरण की क्षति का भी निर्धारण करेगी यह आदेश पांच मार्च को एनजीटी ने दिया।
    तिलका माँझी फाउण्डेशन के विधिक सलाहकार एवं पर्यावरण पर काम करने वाले अधिवक्ता विकाश शाक्य ने कहा कि सोनभद्र के सभी खादानों की गहराई नापी जायेगी जो मानक के विपरीत चल रही है। खनन के मामले में वन विभाग की पूरी संलिप्तता और संरक्षण है। पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी जिम्मेदार लोगों को बक्शा नहीं जायेगा। अजगर और रसलवाइपर के संरक्षण के लिये और भी जिम्मेदार पत्थर खादानों के खिलाफ शिघ्र ही कदम उठाये जायेगें।