डा. रचना तिवारी को मिला मऊ की धरती पर अंतर्नाद सम्मान

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  • अंतर्नाद के पावन पल में गुजरी कई सदी
  • राग-रागिनी साथ मे लेकर उतरी गीत नदी
  • शारदा नारायण हास्पिटल मऊ के सभागार में बहती रही गीत की नदी झूमते रहे लोग

  • मऊ। हिंदी साहित्य में गीत परंपरा को दो दशकों से सार्थक गति और नव आयाम देने वाली सोनभद्र की कवयित्री डा. रचना तिवारी को शारदा नारायण सभागार में अंतर्नाद सम्मान से अलंकृत किया गया। इस सम्मान के क्रम में उपस्थित सभी विशिष्ट लोगों ने डॉ. रचना तिवारी को माल्यार्पण तथा पुष्प गुच्छ भेट करके वातावरण को भावुक बना दिया। प्रतीक चिन्ह और स्मृति पत्र के साथ अंगवस्त्रम और धनराशि भी दी गई। सम्मान की प्रक्रिया के बाद डॉ. रचना तिवारी से लोग घण्टों गीत सुनते रहे। इस दौरान महाकवि श्याम नारायण पांडेय की पत्नी रामावती पांडेय को इक्यावन सौ रुपये की धनराशि प्रदान करने के साथ रोटरी क्लब द्वारा आजीवन निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा देने की प्रतिबद्धता जताई गई। रोटरी क्लब व कोशिश संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम के प्रथम सत्र में दीप प्रज्जवन, मंगलाचरण व वाणी वंदना के बाद अध्यक्ष जगत नारायण सिंह, मुख्य अतिथि डा. संजय सिंह, विशिष्ट अतिथि दयाशंकर तिवारी व पुरुषार्थ सिंह ने अंगवस्त्र, डॉ. रचना तिवारी को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। प्रशस्ति पत्र का वाचन भाजपा जिला उपाध्यक्ष संतोष सिंह ने किया। द्वितीय सत्र काव्य निशा में डा. रचना तिवारी के गीतों का जादू श्रोताओं के सिर चढ़कर बोला। काशी से आए आचार्य पुरंदर पौराणिक के लालित्यपूर्ण संचालन में दिव्या पांडेय, नागेंद्र सिंह बागी, रुद्र रामिश, जितेंद्र मिश्र काका, लालबहादुर सिंह, डा. शमीम, पंडित दयाशंकर तिवारी जी, पुरुषार्थ सिंह आदि कवियों की प्रस्तुति पर सभागार करतल ध्वनि से गुंजित होता रहा। आभार ज्ञापन करते हुए डा. संजय सिंह ने कहा कि साहित्य समाज का मार्गदर्शन करता है। उसका संरक्षण और संवर्धन नितांत आवश्यक है। डॉ. रचना तिवारी के गीत वर्तमान से लेकर भविष्य तक एक दस्तावेज के रूप में पहचाने जाएंगे। रोटरी क्लब, ओम कोशिश और शारदा नारायण हास्पिटल द्वारा तमसा तट की साहित्य परंपरा को हमेशा रचना जी जैसे साहित्यकार को सम्मानित कर जीवंत रखा जाएगा।